सोलर इक्विपमेंट होंगे सस्ते, सरकार ने एप्लिकेशन फीस 80% तक घटाया
मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि एमएनआरई ने सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल के लिए अपने एएलएमएम सिस्टम में कई सुधार किए हैं.
आवेदन शुल्क में 80% की कमी. (Image- Freepik)
आवेदन शुल्क में 80% की कमी. (Image- Freepik)
Solar Panel: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने रिन्युअल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिये उपकरण बनाने वाली कंपनियों के लिये ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की स्थिति को बेहतर करने के लिए कदम उठाया है. इसके तहत मंजूरी प्राप्त सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल्स के विनिर्माताओं और मॉडल में व्यापक तौर पर सुधार किये गये हैं. इसमें आवदेन शुल्क (Application Fees) में 80% की कमी के साथ लिस्टिंग वैधता अवधि को दोगुना करना शामिल हैं.
मंत्रालय ने बयान में कहा कि सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल्स के लिये मॉडल और विनिर्माताओं की स्वीकृत सूची (ALMM) व्यवस्था में व्यापक स्तर पर सुधारों को आगे बढ़ाया गया है. सुधारों का मकसद प्राथमिक रूप से सौर उपकरण विनिर्माताओं की लागत, आवेदन और लिस्टिंग में लगने वाले समय के साथ-साथ कम्पलायंस बोझ में कमी लाना और कारोबार की स्थिति को सुगम बनाना है.
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उठाए गए सुधार के ये कदम
- आवेदन शुल्क में 80% की कमी.
- निरीक्षण शुल्क में भारी कमी, कुछ मामलों में कमी 70% तक हो गई.
- ALMM में अतिरिक्त मॉडलों की सूची के मामले में कारखाने के निरीक्षण से छूट. यह छूट उन मामलों में दी गई है जहां ALMM में अतिरिक्त मॉडलों की लिस्टिंग है और वे आवेदक द्वारा पहले से सूचीबद्ध मॉडलों के समान हैं लेकिन कम वाट क्षमता के हैं.
- विनिर्माताओं को आवेदन शुल्क के 90% की वापसी के साथ कारखाना निरीक्षण से पहले अपने आवेदन वापस लेने की अनुमति देना.
- मॉडल और निर्माताओं की स्वीकृत सूची (ALMM) भर्ती वैधता को 2 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष करना.
- भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से रजिस्ट्रेशन प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर एएलएमएम में अनंतिम भर्ती प्रदान करना और कारखाना सूची और अंतिम सूचीकरण के लिए दो महीने की समय-सीमा, ऐसा न करने पर जिसे सूचीबद्ध माना जाता है.
- भविष्य में सभी एएलएमएम आवेदनों के साथ आवेदनों की स्कैन की गई प्रतियां और एएलएमएम आवेदनों की प्रक्रिया हार्ड कॉपी जमा करने की प्रतीक्षा किए बिना शुरू हो जाएगी, जिसे बाद में प्रस्तुत किया जा सकता है.
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बयान के अनुसार, जो सुधार किये गये हैं, उसके तहत एएलएमएम में सूचीबद्धता के लिये अंतिम-उपयोग को लेकर अलग-अलग श्रेणियों में न्यूनतम मॉड्यूल दक्षता सीमा तय की गयी है. उदाहरण के लिये ग्रिड आधारित बिजलीघरों में मॉड्यूल के मामले में दक्षता कम-से-कम 20% होगी. इसी तरह, छतों पर लगने वाली सौर परियोजनाएं और सोलर पंपिंग में कम से कम 19.50% मॉड्यूल दक्षता होगी और सोलर लाइटिंग के मामले में मानक 19% होगा.
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घरेलू उत्पादन बढ़ाने में मिलेगी मदद
MNRE के सचिव बी.एस भल्ला ने कहा कि फोटोवोल्टिक मॉड्यूल के लिए एएलएमएम में बदलाव से व्यापार करने में आसानी बढ़ेगी और वर्तमान और भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI Scheme) योजना के परिणामस्वरूप न केवल सौर मॉड्यूल की घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा मिला है, बल्कि भारत में वैल्यू सीरीज में भी वर्टिकल एकीकरण हुआ है. हमने पहले ही अगले 5 वर्षों के लिए प्रत्येक वर्ष 50 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा की बोली आमंत्रित करने की घोषणा की है. इसमें 40 गीगावॉट की सौर ऊर्जा क्षमता शामिल है. इसका उद्देश्य देश में विनिर्माण उद्योग को प्रोत्साहित करना है.
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एएलएमएम शुल्क और नियमों में ढील ईज ऑफ डूइंग बढ़ाने, कम्प्लायंस बोझ को कम करने और एएलएमएम के तहत लिस्टिंग करने की अलग-अलग प्रक्रियाओं में लगने वाले शुल्क को कम करने की दिशा में एक कदम है.
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07:31 PM IST